आई – अनुवाद-गायत्री देवी बरठाकुर
(गोर्की शतबर्ष की उपलक्ष में)मूल कविता–आइकवि— हीरेन भट्टाचार्य। अनुवाद– गायत्री देवी बरठाकुर। तुम्हारे साथ आखिरी मुलाकात मुझे याद नहीं। आज अचानक तुम्हारी आँचल से ढक कर लाया गया गुप्त ईश्तिहार…
(गोर्की शतबर्ष की उपलक्ष में)मूल कविता–आइकवि— हीरेन भट्टाचार्य। अनुवाद– गायत्री देवी बरठाकुर। तुम्हारे साथ आखिरी मुलाकात मुझे याद नहीं। आज अचानक तुम्हारी आँचल से ढक कर लाया गया गुप्त ईश्तिहार…